यादों के झरोखे और वो पुरानी तस्वीरें


मेरा नाम चिन चिन चू, चिन चिन चू बाबा चिन चिन चू
रात चांदनी मैं और तू, हैलो मिस्टर हाउ डू यू डू
60 के दशक में आई फिल्म हावडा ब्रिज का ये गाना तो आप सबने जरुर सुना ही होगा। जब मैं छोटी थी तो ये गाना मेरा फेवरेट हुआ करता था क्योंकि इस गाने पर मैनें अपने स्कूल के वार्षिकोत्सव में डान्स किया था और इसके लिए खास एक सफेद रंग का फ्राॅक खरीदा था। ऐसे घर पेे एक दिन सब लोग हमारे बचपन की हरकतें हम बच्चों को बता रहे थे कि अचानक से मुझे इस गाने से जुड़ी बचपन की याद आई। मैनें मां से पूछा कि और कुछ बताओं क्या-क्या करते थे हम। मां बोली कि रोज स्कूल से आने के बाद घर में सबका हाथ पकड़ कर गाना गाती रहती थी और सबको अपने साथ डान्स कराती रहती थी।
आगे कुछ और पूछने और बताने से पहले ही मां ने कहा कि एक काम करो जाके पुरानी ऐलबम देख लो। उसमें पुराने फोटोस होंगे।
                         Picture Source- Google

फिर खुला यादों का पिटारा। जब मैंने देखी अपने बचपन की ढ़ेर सारी तस्वीरें।
भले ही वो सब कुछ याद नहीं है पर खुद की इतनी पुरानी तस्वीरे देखकर मन में जैसे सवालों का घेरा हो गया हों। मैं हर एक फोटो को देखकर मां से बच्चों जैसे सवाल करने लगी- ‘मां ये कब का फोटो है, मेरे येेे वाले कपड़े कौन लाया था, मेरा ये वाला तोहफा अभी भी है क्या?‘ और न जाने क्या-क्या।
वैसे जो तस्वीर मैं ढूंढ़ रही थी वो तो मिली नही पर जो सब मिला उसने चहरे पर एक अलग ही मुस्कान ला दी थी। वो बचपन की साईकल, वो मेरी फेवरेट हट वाली गुल्लक जिसमें सिक्का डालते ही एक काला सफेद कुत्ता बाहर आता था, वो ढ़ेर सारे गुड्डे और ना जाने क्या क्या। उन सब पुरानी तस्वीरों ने फिर से बचपन में पहुंचा दिया, लगा जैसे टाइम ट्रैवल कर लिया हो।
                     मेरे जन्मदिन की एक पुरानी तस्वीर

शायद ही इतनी खुशी मेरे फोन में पड़ी कोई पुरानी फोटो देखकर हुई होगी जितनी खुशी मुझे कागज पर छपी उन तस्वीरों को देखकर हुई। सच मेें जमाना कितना भी क्यों न बदल जाए, कुछ चीजों की अपनी अहमियत और असतित्व होता है जिसकी जगह कोई भी तकनीक नहीं ले सकती। अभी सेल्फी का जमाना है और हर कोई उम्दा फोटोग्राफर है, लेकिन हमारे बचपन में तो हमारे जन्मदिन पर बुलाकर सुंदर नए कपड़े पहनाकर हमारा फोटोशूट होता था। वो भी अलग ही खुशी होती थी।
उसी के बीच मिले कुछ अपने मां पिताजी और बाकी घर वालों की तस्वीरें। वो ब्लैक एंड व्हाइट से रंगीन फोटो का सफर वाकई ही एक क्रांति है जिसमें सबने बराबरी की हिस्सेदारी ली है।
अब ये तो हो गई मेरी बात। आपकी भी जरुर कोई न कोई पुरानी ऐलबम की यादें जरुर होंगी जिनको आपने संवार कर रखा होगा।
अगर आप चाहें तो हमारे साथ साझा कर सकतें है। मेरा मानना है कि आपको जरुर साझा करनी चाहिए, अच्छा लगेगा।

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