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भारतीय संस्कृति में फैशन 

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फैशन अर्थात भीड़ से अलग दिखने का प्रयास। भारतीय सांस्कृतिक परिधान और संस्कृति दोनों ही स्वयं में सर्वश्रेष्ठ फैशन है। भारतीय संस्कृति में सादगी और संस्कारित व्यवहार औरों से अलग दिखाता है यही फैशन है। अपने अंतरंग को संवारना मलीनता को धोना ही हमारा फैशन हैै। भारतीय संस्कृति को बेहतर ढंग से रोज़मर्रा में जो भी मुमकिन है उसे अपनाना वियोग कर रचनात्मक बनाना ही फैशन है। इससे अपनापन भी रहता है और सुंदर भी दिखा जाता है। हर दौर अपने साथ एक चलन लेकर आता है जिसे हम फैशन का नाम दे देते है। लेकिन न तो फैशन को आधुनिकता का पर्याय माना जा सकता और न ही इसकी अंधी लहर में बहना उचित है। फैशन के पनपने में सांस्कृतिक पृष्ठभूमि भी अपनी भूमिका अदा करती है। कोई भी फैशन तभी पनपता है जब सामाजिक मूल्य उसके पक्ष में हो। मनोवैज्ञानिकों का निष्कर्श है कि सांस्कृतिक प्रतिमान के रूप में फैशन एक प्रकार का ऐसा सामाजिक संस्कार है जिसके संबंध में आशा की जाती है कि लोग उसका निर्वाह करेंगे। यदि हम अपने सामाजिक व्यवहार पर गौर करें तो पाएगे कि हमारा अधिकांश व्यवहार फैशन पर ही आधारित है। चाहे वह व्यवहार केश सज्जा के सं...